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जाहिद मीर रतलामी
Saturday, May 30, 2009
परिंदे भी झील को खूबसूरत बना देते है
1 comment:
रावेंद्रकुमार रवि
May 31, 2009 at 8:26 AM
पानी की ये मधुर मीत हैं,
लगता ज्यों गा रही गीत हैं!
बहुत सुंदर!
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सूफी मस्जिद भोपाल
झील में ये इमारत नवाब शासको कला प्रेम दर्शाती है
कला सम्मान या अपमान तस्वीर से समझे
परिंदे भी झील को खूबसूरत बना देते है
सदर मंजिल रोड
छोटी झील को बादलों ने मौसम की खुबसूरत चादर ओडा दी!
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April
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मैं हूँ कौन ????
zahid meer
रतलाम, मध्यप्रदेश, India
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पानी की ये मधुर मीत हैं,
ReplyDeleteलगता ज्यों गा रही गीत हैं!
बहुत सुंदर!